हैफ हम जिसपे की तैयार थे मर जाने को
जीते जी हमने छुड़ाया उसी कशाने को
क्या ना था और बहाना कोई तडपाने को
आसमां क्या यही बाकी था सितम ढाने को
लाके गुरबत में जो रखा हमें तरसाने को
फिर ना गुलशन में हमें लायेगा शैयाद कभी
याद आयेगा किसे ये दिल
-ऐ-नाशाद कभीक्यों सुनेगा तु हमारी कोई फरियाद कभी
हम भी इस बाग में थे कैद से आजाद कभी
अब तो काहे को मिलेगी ये हवा खाने को
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देश सेवा का ही बहता है लहु नस
-नस मेंहम तो खा बैंटे हैं चित्तोड़ के गढ़ की कसमें
सरफरोशी की अदा होती हैं यों ही रसमें
भाले
-ऐ-खंजर से गले मिलाते हैं सब आपस मेंबहानों
, तैयार चिता में हो जल जाने को....
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कोई माता की ऊंमीदों पे ना ड़ाले पानी
जिन्दगी भर को हमें भेज के काला पानी
मुँह में जलाद हुए जाते हैं छले पानी
अब के खंजर का पिला करके दुआ ले पानी
भरने क्यों जाये कहीं ऊमर के पैमाने को
मयकदा किसका है ये जाम
-ए-सुबु किसका हैवार किसका है जवानों ये गुलु किसका है
जो बहे कौम के खातिर वो लहु किसका है
आसमां साफ बता दे तु अदु किसका है
क्यों नये रंग बदलता है तु तड़पाने को
दर्दमंदों से मुसीबत की हलावत पुछो
मरने वालों से जरा लुत्फ
-ए-शहादत पुछोचश्म
-ऐ-खुश्ताख से कुछ दीद की हसरत पुछोकुश्त
-ए-नाज से ठोकर की कयामत पुछोसोज कहते हैं किसे पुछ लो परवाने को
नौजवानों यही मौका है उठो खुल खेलो
और सर पर जो बला आये खुशी से झेलो
कौंम के नाम पे सदके पे जवानी दे दो
फिर मिलेगी ना ये माता की दुआएं ले लो
देखे कौन आता है ईर्शाथ बजा लाने को
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हैफ
- Alas!कशाने
- Houseशैयाद
- Hunterनाशाद
- Cheerless, Joylessजाम
-ए-सुबु - जाम से भरी सुराहीगुलु
- neckअदु
- Enemyहलावत
- Relish, Deliciousnessचश्म
-ऐ-खुश्ताख - audacious eyesकुश्त
-ए-नाज - one who is killed by flatteryसोज
- Burning, Heat, Passionईर्शाथ
- Order, Command
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