Life

Thursday, September 29, 2011

है लिये हथियार दुश्मन ताक मे बैठा उधर

है लिये हथियार दुश्मन ताक मे बैठा उधर

और हम तैय्यार हैं सीना लिये अपना इधर

खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

हाथ जिनमें हो जुनून कटते नही तलवार से

सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से

और भडकेगा जो शोला सा हमारे दिल में है

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

हम तो घर से निकले ही थे बांधकर सर पे कफ़न

जान हथेली में लिये लो बढ चले हैं ये कदम

जिंदगी तो अपनी मेहमान मौत की महफ़िल मैं है

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

दिल मे तूफानों की टोली और नसों में इन्कलाब

होश दुश्मन के उडा देंगे हमे रोको न आज

दूर रह पाये जो हमसे दम कहाँ मंजिल मे है

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

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