सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
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By Ram Prasad Bismilसरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
,देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है ।
करता नहीं क्यों दुसरा कुछ बातचीत
,देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल मैं है ।
रहबर राहे मौहब्बत रह न जाना राह में
लज्जत
-ऐ-सेहरा नवर्दी दूरिये-मंजिल में है ।यों खड़ा मौकतल में कातिल कह रहा है बार
-बारक्या तमन्ना
-ए-शहादत भी किसी के दिल में है ।ऐ शहीदे
-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसारअब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफिल में है ।
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां
,हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है ।
खींच कर लाई है सब को कत्ल होने की उम्मींद
,आशिकों का जमघट आज कूंचे
-ऐ-कातिल में है ।सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
,देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है ।
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रहबर
- Guideलज्जत
- tastefulनवर्दी
- Battleमौकतल
- Place Where Executions Take Place, Place of Killingमिल्लत
- Nation, faith
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